श्री खाटू श्याम जी की आरती
जो ध्यावे फल पावे,सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे॥
Bringing you closer to Hindu Indian roots
जो ध्यावे फल पावे,सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे॥
चिंतपूर्णी चिंता दूर करनी,
जग को तारो भोली माँ
तुम बिन सुख न होवे, न कोई पुत्र पाता।
खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता॥
देवी धूमक वाहन राजत,वीणा वादयन्ती।
झूमकत झूमकत झूमकत,झननन झननन रमती राजन्ती॥
एक बार जो प्राणी,शरण तेरी आता।
यम की त्रास मिटाकर,परमगति पाता॥