श्री गौ माता जी की आरती
आयु ओज आरोग्य विकाशिनी,दुःख दैन्य दारिद्रय विनाशिनी।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनी,विमल विवेक बुद्धि दैय्या की॥
आरती श्री गैय्या मैय्या की…।
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आयु ओज आरोग्य विकाशिनी,दुःख दैन्य दारिद्रय विनाशिनी।
सुष्मा सौख्य समृद्धि प्रकाशिनी,विमल विवेक बुद्धि दैय्या की॥
आरती श्री गैय्या मैय्या की…।
ॐ जय श्री राणी सती माता, मैया जय राणी सती माता,
अपने भक्त जनन की दूर करन विपत्ति ॥
अवनि अननंतर ज्योति अखंडित, मंडित चहुँ कुकुमा
दुर्जन दलन खडग की विद्युत सम प्रतिभा॥
क्रोध रूप में खप्पर खाली नहीं रहता।
शांत रूप जो ध्यावे आनंद भर देता।।
हनुमत बाला योगी ठाढ़े बलशाली।
कारज पूरण करती दुर्गा महाकाली।।
वरदान के भरे हैं भंडार, माँ के मंदिर मे ।
दीप धरो धूप करो, प्रेम सहित भक्ति करो।
जीवन सुधारो रे ॥
गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥