श्री शनिदेव जी की आरती–4
आरती जय जय शनि देव महाराज
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।
तुम सूर्य पुत्र बलिधारी, भय मानत दुनिया सारी ।
साधत हो दुर्लभ काज ॥
तुम धर्मराज के भाई, जब क्रूरता पाई ।
घन गर्जन करते आवाज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
तुम नील देव विकराली, है साँप पर करत सवारी ।
कर लोह गदा रह साज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
तुम भूपति रंक बनाओ, निर्धन स्रछंद्र घर आयो ।
सब रत हो करन ममताज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
राजा को राज मितयो, निज भक्त फेर दिवायो ।
जगत में हो गयी जय जयकार ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
तुम हो स्वामी हम चरणं, सिर करत नमामी जी ।
पूर्ण हो जन जन की आस ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
जहाँ पूजा देव तिहारी, करें दीन भाव ते पारी ।
अंगीकृत करो कृपाल ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
कब सुधि दृष्टि निहरो, छमीये अपराध हमारो ।
है हाथ तिहारे लाज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
हम बहुत विपत्ति घबराए, शरणागत तुम्हरी आये ।
प्रभु सिद्ध करो सब काज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
यहाँ विनय करे कर जोर के, भक्त सुनावे जी ।
तुम देवन के सिरताज ॥
॥ जय जय शनि देव महाराज….. ॥
जय जय शनि देव महाराज, जन के संकट हरने वाले ।
।।इति श्री शनिदेव जी की आरती समाप्त।।
Shri Shanidev ki Arati in English
Jai Jai Shani Dev Maharaj, Jan ke Sankat Harane Wale ।
Tum Surya Putra Balidhari, Bhaya Maanat Duniya Saari ।
Saadhat Ho Durlabh Kaaj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Tum Dharmraj ke Bhai, Jab Kroorta Pai ।
Ghan Garjan Karate Aawaz ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Tum Neel Deva Vikrali, Hai Saanp Par Karat Sawari ।
Kar Louh Gada Rahe Saaj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Tum Bhupati Rank Banao, Nirdhan Swachhand Ghar Aayo ।
Sab Rat Ho Karan Mumataj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Raja Ko Raj mitaayo, Nij Bhakt fer divaayo ।
Jagat Mein Ho Gayi Jai Jaikar ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Tum Ho Swami Hum Charanan, Sir Karat Namami Ji ।
Purna Ho Jana Jana Ki Aas ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Jahan Pooja Dev Tihari, Karein Din Bhaav Te Pari ।
Angikrit Karo Kripal ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…॥
Kab Sudhi Drishti Niharo, Chhamiya Aparadh Hamaro ।
Hai Haath Tihare Laj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Hum Bahut Vipatti Ghabraye, Sharanagat Tumhari Aaye ।
Prabhu Sidhhi Karo Sab Kaaj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Yahan Vinay Kare Kar Jor Ke, Bhakt Sunaave Ji ।
Tum Devo Ke Sirtaj ॥
॥ Jai Jai Shani Dev Maharaj…..॥
Jai Jai Shani Dev Maharaj, Jan ke Sankat Harane Waale ।
।।Thus Shri Shanidev ji Arati Ends।।
1.श्री शनिदेव जी की आरती-1: आरती जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी
2.श्री शनिदेव जी की आरती-2:आरती जय शनि देवा, जय शनि देवा
3.श्री शनिदेव जी की आरती-3: आरती जय शनिदेव जी
4.श्री शनिदेव जी की आरती-4: आरती जय जय शनि देव महाराज
1.चालीसा संग्रह -९०+ चालीसायें
2.आरती संग्रह -१००+ आरतियाँ
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