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पुषाण मुद्रा – Pushan Mudra

पुषाण मुद्रा सूर्य देवता को समर्पित होने के कारण इसका सीधा प्रभाव मणिपुर चक्र पर पड़ता है पुषाण मुद्रा बनाने के लिए तीन अलग-अलग मुद्राओं का प्रयोग किया जाता है। पुषाण मुद्रा लगाने की दो विधियां …

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Shri Bhairav ji saumya roop

श्री भैरव जी की आरती-1

भगवान श्री भैरव जी की आरती–1 आरती सुनो जी भैरव लाड़िले सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करूँ। कृपा तुम्हारी चाहिए,मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ।मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लीजिये॥सुनो जी भैरव लाड़िले॥ मैं …

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श्वसनी मुद्रा-श्वास नली में जमा श्लेष्मा को बाहर निकालती है

श्वसनी मुद्रा (Bronchial mudra) श्वसनी मुद्रा (bronchial mudra)     सबसे छोटी अंगुले को अंगूठे की जड़ में लगाएं। अनामिका अंगुली के शीर्ष को अंगूठे के बीच वाले भाग में लगाएं। मध्यमा अंगूले को अंगूठे के शीर्ष …

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अपानवायु मुद्रा और अपान मुद्रा

अपानवायु मुद्रा अपानवायु मुद्रा ::दिल मजबूत करे ,गैस रिलीज करे तर्जनी (अंगूठे के पास वाली) उंगली को अंगूठे की जड़ में लगाकर अंगूठे के अग्रभाग को मध्यमा और अनामिका (बीच की दोनों अंगुलियां) के अगले सिरे …

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आकाश मुद्रा -ह्रदय, हड्डि स्वस्थ रखे ,शनि दोष दूर करे

आकाश मुद्रा ह्रदय स्वस्थ रखे ,शनि दोष दूर करे -आकाश मुद्रा  आकाश मुद्रा – कान के सब प्रकार के रोग जैसे बहरापन आदि ,हड्डियों के रोग ,हड्ड्यों की कमजोरी ,ह्रदय रोग ठीक होता है   मध्यमा …

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