श्री शिव जी की आरती-1
भगवान श्री शिव जी की आरती
श्री सोमवार आरती
साप्ताहिकआरती संग्रह
सप्ताह दिवस २
आरती ॐ जय शिव ओंकारा
ॐ जय शिव ओंकारा,स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,अर्द्धांगी धारा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुराननपञ्चानन राजे।हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
Dibhu.com-Divya Bhuvan is committed for quality content on Hindutva and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supportting us more often.😀
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुणादिकभूतादिक संगे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलुचक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दोउ मारे,सुर भयहीन करे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी,शिवलहरी गंगा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
पर्वत सोहैं पार्वती,शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन,भस्मी में वासा॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
जटा में गंग बहत है,गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत,ओढ़त मृगछाला॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत,महिमा अति भारी॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरतिजो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी,मनवान्छित फल पावे॥
ॐ जय शिव ओंकारा॥
।।इति श्री शिव जी की आरती समाप्त।।


1.श्री शिव जी की आरती-1: ॐ जय शिव ओंकारा
2.श्री शिव जी की आरती-2: हर हर हर महादेव
3.श्री शिव जी की आरती-3: शीश गंग अर्धंग पार्वती
4.श्री शिव जी की आरती-4:आरती भगवान श्री भोलेनाथ जी
5.श्री शिव जी की आरती-5:जयति जयति जग-निवास
6.श्री शिव जी की आरती-6:ॐ जय गंगाधर जय हर गिरिजाधीशा
7.श्री शिव जी की आरती-7:आरती भगवान श्री शिवशंकर
1.चालीसा संग्रह -९०+ चालीसायें
2.आरती संग्रह -१००+ आरतियाँ