Join Adsterra Banner By Dibhu

Shri Lakshman ji- Mahan vratee

श्री लक्ष्मण जी की आरती

आरती लक्ष्मण बालजती की,असुर संहारन प्राणपति की। टेक।
जगमग ज्योत अवधपुरी राजे,शेषाचल पे आप बिराजै॥
घंटा ताल पखावज बाजै,कोटि देव मुनि आरती साजै।
क्रीट मुकुट कर धनुष विराजै,तीन लोक जाकी शोभा राजै॥

श्री लक्ष्मण जी की आरती Read More