श्री खाटू श्याम जी की आरती
जो ध्यावे फल पावे,सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे॥
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जो ध्यावे फल पावे,सब दुःख से उबरे।
सेवक जन निज मुख से,श्री श्याम-श्याम उचरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे॥