चढ़ चेतक पर तलवार उठा
चढ़ चेतक पर तलवार उठा,रखता था भूतल पानी को।राणा प्रताप सिर काट काट,करता था सफल जवानी को॥ कलकल बहती थी रणगंगा,अरिदल को डूब नहाने को।तलवार वीर की नाव बनी,चटपट उस पार लगाने को॥ वैरी दल को …
चढ़ चेतक पर तलवार उठा Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
चढ़ चेतक पर तलवार उठा,रखता था भूतल पानी को।राणा प्रताप सिर काट काट,करता था सफल जवानी को॥ कलकल बहती थी रणगंगा,अरिदल को डूब नहाने को।तलवार वीर की नाव बनी,चटपट उस पार लगाने को॥ वैरी दल को …
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