बाबा नीम करोली द्वारा विधवा के पुत्र को जीवनदान
बाबा अंतर्यामी थे परन्तु फिर भी सब जानते हुए भी उससे कारण पूछा। कारण बताने पर उन्होंने पुनः प्रश्न किया; कहने लगे, ” क्या यह तेरा अकेला लड़का था?” उस औरत ने स्वीकार किया कि वह उसका एकमात्र पुत्र था। बाबा फिर बोले, “तेरा पति भी अब नहीं रहा ?” यह सुनकर वह स्त्री अपने कठिन दुर्भाग्य पर रोने लगी।
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