नए दौर में संस्कृति नदारद
देहरी, आंगन, धूप नदारद।ताल, तलैया, कूप नदारद।घूँघट वाला रूप नदारद। डलिया,चलनी,सूप नदारद। आया दौर फ्लैट कल्चर का,देहरी, आंगन, धूप नदारद।हर छत पर पानी की टंकी,ताल, तलैया, कूप नदारद।।लाज-शरम चंपत आंखों से,घूँघट वाला रूप नदारद।पैकिंग वाले चावल, …
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