नाई और बाघ-पुरानी ग्रामीण आँचलिक कहानी
बाघों को बातें सुनकर नाई तो पसीना-पसीना हो गया। वह इस तरह थर-थर कांपने लगा कि बरगद की डालियां हिल उठीं एक डाल पर एक बंदर सो रहा था। डाल के हिलने पर वह नीचे आ गिरा।
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