ढाई अक्षर-एक भक्ति कविता|Dhai Akshar Kavita
मैने काफ़ी पहले पढ़ा था..पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय।ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥...
मैने काफ़ी पहले पढ़ा था..पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ पंडित भया न कोय।ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़े सो पंडित होय॥...