माँ वैष्णो देवी चालीसा
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धामकाली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो...
॥ दोहा ॥ गरुड़ वाहिनी वैष्णवी त्रिकुटा पर्वत धामकाली, लक्ष्मी, सरस्वती, शक्ति तुम्हें प्रणाम ॥ चौपाई ॥ नमो: नमो: वैष्णो...
भगवान श्री गोपाल चालीसा ॥दोहा॥ श्री राधापद कमल रज,सिर धरि यमुना कूल।वरणो चालीसा सरस,सकल सुमंगल मूल॥ ॥चौपाई॥ जय जय पूरण...
श्री ललिता माता चालीसा ॥ चौपाई ॥ जयति-जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है विख्याता।।तू सुन्दरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर...
श्री विश्वकर्मा जी चालीसा-1 ॥दोहा॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊँ, चरणकमल धरिध्य़ान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ।।...
मां गायत्री चालीसा ॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड।शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड॥...
धर्मो रक्षति रक्षितः