श्री विद्या चालीसा
श्री विद्या के यन्त्र में छिपे हुये सब ग्यान,
श्री विद्या के भक्त को, मिलें सभी वरदान।
Bringing you closer to Hindu Indian roots
श्री विद्या के यन्त्र में छिपे हुये सब ग्यान,
श्री विद्या के भक्त को, मिलें सभी वरदान।
श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय।।
जय जय रवि शशि सोम बुध जय गुरु भृगु शनि राज।
जयति राहु अरु केतु ग्रह करहुं अनुग्रह आज।।
यमुना नदी के किनारे फूस की एक छोटी से कुटिया में एक बूढ़ी स्त्री रहा करती थी। वह बूढ़ी स्त्री अत्यंत आभाव ग्रस्त जीवन व्यतीत किया करती थी। जीवन-यापन करने योग्य कुछ अति आवश्यक वस्तुयें, एक …
प्रभु की लीला – मैय्या और उनका लल्ला Read Moreपराशरसंहिता के “बालब्रह्मचारिणे” -१०४ पटल” (बालब्रह्मचारी के लिए ) अनादिब्रह्मचारिन्” –१०३ पटल,(अनादिकाल से ब्रह्मचारी) कथन से ऋषि स्वयं हनुमान जी को बालब्रह्मचारी स्वीकार कर रहे हैं । अथर्वणरहस्य जो अथर्ववेद का परिशिष्टांश है उसमें “ब्रह्मचर्याश्रमिणे” (सप्तमुखी …
हनुमान जी के विवाह का सप्रमाण खण्डन Read Moreये वही रामभद्राचार्य जी है जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी। दृश्य था उच्चतम न्यायलय का … श्रीराम जन्मभूमि के पक्ष में वादी के रूप …
संत रामभद्राचार्य जी – जिन्होंने रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी Read More