ठण्ड के मौसम की कवितायेँ
ठण्ड (जाड़ा) के ऊपर भोजपुरी कविता जाड़ा बहुत सतावत बा सरसर हवा बाण की नाईं थर थर काँपैं बाबू माई तपनी तापैं लोग लुगाई कोहिरा छंटत नहीं बा भाई चहियै सबै जियावत बा जाड़ा बहुत सतावत …
ठण्ड के मौसम की कवितायेँ Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
ठण्ड (जाड़ा) के ऊपर भोजपुरी कविता जाड़ा बहुत सतावत बा सरसर हवा बाण की नाईं थर थर काँपैं बाबू माई तपनी तापैं लोग लुगाई कोहिरा छंटत नहीं बा भाई चहियै सबै जियावत बा जाड़ा बहुत सतावत …
ठण्ड के मौसम की कवितायेँ Read Moreतिल का तेल … पृथ्वी का अमृत (SEASAME OIL) यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा और यही सर्वोत्तम पदार्थ बाजार में उपलब्ध …
तिल का तेल … पृथ्वी का अमृत Read Moreतीस वर्ष का पति जेल की सलाखों के भीतर खड़ा है – काला पानी की सजा पर जाने को तैयार, बाहर उसकी वह युवा पत्नी खड़ी है। हाल ही में उनके बच्चे की मृत्यु हुई है….. …
वीर विनायक दामोदर सावरकर Read Moreवीर सावरकर कौन थे..? जिन्हें आज वामपंथी कोस रहे हैं और क्यों..?? ये 25 बातें पढ़कर आपका सीना गर्व से चौड़ा हो उठेगा। इसको पढ़े बिना आज़ादी का ज्ञान अधूरा है!आइए जानते हैं एक ऐसे महान …
वीर सावरकर कौन थे? Read Moreऐतिहासिक जानकारी :- 1) राजपूतों में पहले सिर के बाल बड़े रखे जाते थे, जो गर्दन के नीचे तक होते थे। युद्ध में जाते समय बालों के बीच में गर्दन वाली जगह पर लोहे की जाली …
राजपूतों का क्षत्रियत्व Read More