माँ कामाख्या चालीसा
माँ कामाख्या चालीसा ॥दोहा॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि ।होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि...
माँ कामाख्या चालीसा ॥दोहा॥ सुमिरन कामाख्या करुँ, सकल सिद्धि की खानि ।होइ प्रसन्न सत करहु माँ, जो मैं कहौं बखानि...
श्री गंगा चालीसा ॥ दोहा ॥ जय जय जय जग पावनी, जयति देवसरि गंग।जय शिव जटा निवासिनी, अनुपम तुंग तरंग॥...
श्री शनि चालीसा ॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय...