भगवान श्री धनवंतरी चालीसा|Shri Dhanvantari Chalisa
भगवान श्री धनवंतरी चालीसा ॥दोहा॥ करूं वंदना गुरू चरण रज, ह्रदय राखी श्री राम ।मातृ पितृ चरण नमन करूँ, प्रभु कीर्ति करूँ बखान ।।1।। तव कीर्ति आदि अनंत है , विष्णुअवतार भिषक महान।हृदय में आकर विराजिए,जय …
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