श्री ललिता माता चालीसा
आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा।।
हृदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी।।
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चालीसा संग्रह
आदि शक्ति श्री विद्या रूपा। चक्र स्वामिनी देह अनूपा।।
हृदय निवासिनी-भक्त तारिणी। नाना कष्ट विपति दल हारिणी।।
श्री विश्वकर्मा जी चालीसा-1 ॥दोहा॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊँ, चरणकमल धरिध्य़ान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण, दीजै दया निधान ।। ॥चौपाई॥ जय श्री विश्वकर्म भगवाना । जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ।।शिल्पाचार्य परम उपकारी । भुवना–पुत्र नाम …
श्री विश्वकर्मा जी चालीसा-1 Read Moreमां गायत्री चालीसा ॥ दोहा ॥ हीं श्रीं, क्लीं, मेधा, प्रभा, जीवन ज्योति प्रचण्ड।शांति, क्रांति, जागृति, प्रगति, रचना शक्ति अखण्ड॥ जगत जननि, मंगल करनि, गायत्री सुखधाम।प्रणवों सावित्री, स्वधा, स्वाहा पूरन काम॥ ॥ चौपाई ॥ भूर्भुवः स्वः …
मां गायत्री चालीसा Read Moreलाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम॥
श्री सूर्य चालीसा-1 ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!। सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!। सविता हंस! सुनूर …
श्री सूर्य चालीसा-1 Read More धर्मो रक्षति रक्षितः