कुटज किस पर सवारी करता है?
प्रस्तुत प्रश्न श्री हज़ारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखे कुटज निबंध से सम्बंधित है – Q. कुटज किस पर सवारी करता है? a. हाथी पर b. घोड़े पर c. पर्वत पर d. मन पर Ans. d. मन …
कुटज किस पर सवारी करता है? Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
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प्रस्तुत प्रश्न श्री हज़ारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखे कुटज निबंध से सम्बंधित है – Q. कुटज किस पर सवारी करता है? a. हाथी पर b. घोड़े पर c. पर्वत पर d. मन पर Ans. d. मन …
कुटज किस पर सवारी करता है? Read Moreप्रस्तुत प्रश्न श्री हज़ारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखे कुटज निबंध से सम्बंधित है – Q. अपराजेय जीवन शक्ति की घोषणा कौन करता है ? a. शिवालिक पर्वत श्रृंखला b. कुटज c. पर्वत शिलायें d. हिमालय पर्वत …
अपराजेय जीवन शक्ति की घोषणा कौन करता है ? Read Moreप्रस्तुत प्रश्न श्री हज़ारी प्रसाद द्विवेदी द्वारा लिखे कुटज निबंध से सम्बंधित है – Q. लेखक ने किसे शोभा निकेतन कहा है? a. कुटज को b. समुद्र को c. पर्वत को d. हिमालय पर्वत को Ans. …
लेखक ने किसे शोभा निकेतन कहा है? Read Moreमेघदूतम काव्य के ऊपर लिखे कुटज निबंध में Q. यक्ष कहाँ निर्वासित जीवन जी रहा था ? a. रामगिरि पर b. धौलागिरी पर c. नीलगिरि पर d. पम्पासर पर Ans: a. रामगिरि पर #Kutaj Nibandh Question …
यक्ष कहाँ निर्वासित जीवन जी रहा था ? Read Moreचौपाईबिस्वनाथ मम नाथ पुरारी। त्रिभुवन महिमा बिदित तुम्हारी॥चर अरु अचर नाग नर देवा। सकल करहिं पद पंकज सेवा॥ अर्थ: (देवी पार्वती ने शिवजी से कहा-) हे विश्व के स्वामी! हे मेरे नाथ! हे पुर असुर के …
विश्वनाथ मम नाथ पुरारी त्रिभुवन महिमा विदित तुम्हारी अर्थ Read More धर्मो रक्षति रक्षितः