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बड़ा हुआ तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर का अर्थ | Bada Hua To Kya Hua Jaise Ped Khajoor

प्रस्तुत दोहा कबीर दास जी ने ऐसे लोगों के बारे में लिखा है जो जो थोड़े से पद, मान सम्मान ,बड़ाई पाके खुद को दुनिया से ऊपर समझने लगते हैं और बाकी लोगों को कमतर समझने …

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Kabirdas -Kabir Ke Dohe In Hindi

संत कबीर के दोहे हिंदी में | Kabir Ke Dohe in Hindi With Meaning

संत श्री कबीर दास के दोहे ज्ञान से परिपूर्ण और शिक्षाप्रद होते हैं। प्रस्तुत है संत कबीर के दोहे हिंदी में : Kabir Ke Dohe in Hindi आंखों देखा घी भला, ना मुख मेला तेल ।साधु …

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कबीर के दोहे|Kabir Ke Dohe with Meaning

कामी क्रोधी लालची , इनते भक्ति ना होय ।भक्ति करै कोई सूरमा , जादि बरन कुल खोय ।।1 अर्थ: विषय वासना में लिप्त रहने वाले, क्रोधी स्वभाव वाले तथा लालची प्रवृति के प्राणियों से भक्ति नहीं …

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कबीर दास के 10 दोहे | Kabir Das Ke Dohe

कबीर दास के दोहे (Kabir Das Ke Dohe) कबीर गुरु की भक्ति बिन, धिक जीवन संसार ।धुंवा का सा धौरहरा, बिनसत लगे न बार ।।1  अर्थ: संत कबीर जी कहते हैं कि गुरु की भक्ति के …

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कबीर दास के 5 दोहे

कबीर हरि के रुठते, गुरु के शरणै जाय ।कहै कबीर गुरु रुठते , हरि नहि होत सहाय ।।1 अर्थ: प्राणी जगत को सचेत करते हुए कहते हैं – हे मानव । यदि भगवान तुम से रुष्ट …

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धर्मो रक्षति रक्षितः