कबीर दास के 5 दोहे
कबीर हरि के रुठते, गुरु के शरणै जाय ।कहै कबीर गुरु रुठते , हरि नहि होत सहाय ।।1 अर्थ: प्राणी जगत को सचेत करते हुए कहते हैं – हे मानव । यदि भगवान तुम से रुष्ट …
कबीर दास के 5 दोहे Read MoreBringing you closer to Hindu Indian roots
कबीर हरि के रुठते, गुरु के शरणै जाय ।कहै कबीर गुरु रुठते , हरि नहि होत सहाय ।।1 अर्थ: प्राणी जगत को सचेत करते हुए कहते हैं – हे मानव । यदि भगवान तुम से रुष्ट …
कबीर दास के 5 दोहे Read Moreखेमुआ (“दादा खेमुआ ने आज खाया नहीं”) आश्रम में ऐसे कई अवसर आते थे जब जब हम देखते थे कि किसी के भूखे रह जाने पर बाबा कितनी तकलीफ पाते थे। आश्रम का एक कर्मचारी था …
दादा, खेमुआ ने आज खाया नहीं Read Moreआश्रम वृदावन: दिल्ली के एक भक्त ने बताया कि मेरे पिताजी को १९८१ में लीवर का एक ऐसा भीषण ज्वर हो गया कि वे ६ माह तक पीड़ित पड़े रहे। कोई भी इलाज कारगर साबित न …
महीनों पुराना लीवर ज्वर चमत्कारिक ढंग से ठीक हुआ Read Moreपुरानी बात है एक रोज चौधरी अनूप सिंह अपनी पत्नी शांति देवी और नौ भाइयों की इकलौती बहन रघुबीर कौर के साथ किसी काम से व्र॔दावन में थे जहाँ उन्हें एक बाबाजी के बारे में पता …
संतान प्राप्ति का आशीर्वाद-बाबा नीम करोली की चमत्कार कथा Read Moreआश्रम वृदावन, बरसात का महीना था , और बहुत तेज बारिश थ। कुछ भक्त और साधु लोग नीचे वाली धूनी कै पास बैठें थे, बाबा आश्रम के ऊपरी हिस्से वाली धूनी कै पास बैठे थे। तभी …
हनुमान जी के दर्शन हो गए सबको-बाबा नीम करोली की चमत्कार कथा Read More