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रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय

रहिमन निज मन की व्यथा, मन में राखो गोय।सुनि इठलैहैं लोग सब, बाटि न लैहै कोय॥ Rahiman nij man ki vyatha, Man mein raakho goy।Suni ithalaihain log sab, Baati na laihe koy।। अर्थ: रहीम जी कहते …

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रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाय

भक्त रहीम जी का यह दोहा संबंधों के निर्वहन के लिए बहुत महत्वपूर्ण सीख है।पूरा दोहा इस प्रकार से है- रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।टूटे से फिर न जुरे, जुरे गाँठ परि जाय।। Rahiman …

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रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि का अर्थ

रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।जहाँ काम सुई आवै कहाँ करै तरवारि।। दोहे का अर्थ रहीम जी कहते हैं कि बड़ी वस्तु को देखकर छोटी वस्तु का त्याग नहीं करना चाहिए क्योंकि जो काम …

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