RSS की प्रार्थना का हिन्दी में अनुवाद
पढ़िए और सोचिये कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की भारत माता के प्रति भावना क्या है संघ की शाखाओं में केवल भारत महिमा ही सिखाया जाता है जिसका स्पष्टीकरण यह संघ प्रार्थना करती है।
1)नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे, त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोsहम्।
हे प्यार करने वाली मातृभूमि! मैं तुझे सदा (सदैव) नमस्कार करता हूँ। तूने मेरा सुख से पालन-पोषण किया है।
2)महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे, पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते।। १।।
हे महामंगलमयी पुण्यभूमि! तेरे ही कार्य में मेरा यह शरीर अर्पण हो। मैं तुझे बारम्बार नमस्कार करता हूँ।
3)प्रभो शक्तिमन् हिन्दुराष्ट्राङ्गभूता, इमे सादरं त्वाम नमामो वयम्
त्वदीयाय कार्याय बध्दा कटीयं, शुभामाशिषम देहि तत्पूर्तये।
हे सर्वशक्तिशाली परमेश्वर! हम हिन्दूराष्ट्र के सुपुत्र तुझे आदरसहित प्रणाम करते है। तेरे ही कार्य के लिए हमने अपनी कमर कसी है। उसकी पूर्ति के लिए हमें अपना शुभाशीर्वाद दे।
4)अजय्यां च विश्वस्य देहीश शक्तिम, सुशीलं जगद्येन नम्रं भवेत्,
श्रुतं चैव यत्कण्टकाकीर्ण मार्गं, स्वयं स्वीकृतं नः सुगं कारयेत्।। २।।
हे प्रभु! हमें ऐसी शक्ति दे, जिसे विश्व में कभी कोई चुनौती न दे सके, ऐसा शुद्ध चारित्र्य दे जिसके समक्ष सम्पूर्ण विश्व नतमस्तक हो जाये ऐसा ज्ञान दे कि स्वयं के द्वारा स्वीकृत किया गया यह कंटकाकीर्ण मार्ग सुगम हो जाये।
5)समुत्कर्षनिःश्रेयसस्यैकमुग्रं, परं साधनं नाम वीरव्रतम्
तदन्तः स्फुरत्वक्षया ध्येयनिष्ठा, हृदन्तः प्रजागर्तु तीव्राsनिशम्।
उग्र वीरव्रती की भावना हम में उत्स्फूर्त होती रहे जो उच्चतम आध्यात्मिक सुख एवं महानतम ऐहिक समृद्धि प्राप्त करने का एकमेव श्रेष्ठतम साधन है। तीव्र एवं अखंड ध्येयनिष्ठा हमारे अंतःकरणों में सदैव जागती रहे।
6)विजेत्री च नः संहता कार्यशक्तिर्, विधायास्य धर्मस्य संरक्षणम्।
परं वैभवं नेतुमेतत् स्वराष्ट्रं, समर्था भवत्वाशिषा ते भृशम्।। ३।। ।। भारत माता की जय।।
तेरी कृपा से हमारी यह विजयशालिनी संघठित कार्यशक्ति हमारे धर्म का सरंक्षण कर इस राष्ट्र को वैभव के उच्चतम शिखर पर पहुँचाने में समर्थ हो।
भारत माता की जय!
अब आप ही विचार करे कि RSS की विचारधारा कैसी है.

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