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काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव | Kashi Ke Kotwal

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काशी में एक ऐसा भी थाना है जहां आज भी इस थाने का प्रभारी थाने की मुख्य कुर्सी पर बैठने की हिम्मत नहीं जुटा पता वो बैठा भी होता है तो अपने ऑफिस में कुर्सी के बगल में एक दूसरी कुर्सी लगाकर। दरअसल ये थाना है वाराणसी कोतवाली का जहां के इंचार्ज बाबा कालभैरव को कहा जाता हैं। यहाँ स्थापित हैं काशी के कोतवाल (Kashi Ke Kotwal) बाबा काल भैरव

यही नहीं आज तक इस थाने का निरीक्षण किसी डीएम या एसएसपी ने नहीं किया है क्योंकि वो तो खुद ही अपने ज्वाइनिंग से पहले यहां आशीर्वाद लेने आते हैं और जिसे बाबा चाहते हैं वो नगरी में कार्य करता है।

काशी के कोतवाल – बाबा काल भैरव

Kashi Ke Kotwal – Baba Kal Bhairav

तो आइए जाने क्या है इस मंदिर और इस थाने की अनसुनी कहानी।वाराणसी विशेश्वरगंज इलाके में शहर का कोतवाली थाना है और इसी थाने के ठीक पीछे बाबा कालभैरव का मंदिर है। 

वाराणसी के विश्वेश्वरगंज स्थित कोतवाली के वर्तमान प्रभारी राजेश सिंह ने बात करते हुए कहा कि ये परंपरा आज की नहीं है। उनका कहना है कि ये परंपरा पिछले कई सालों से चली आ रही है। यहां कोई भी थानेदार जब तैनाती में आया तो वो अपनी कुर्सी पर नहीं बैठा। कोतवाल की कुर्सी पर हमेशा काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव विराजते हैं। लोगों का मानना है कि आने-जाने वालों पर बाबा खुद नजर बनाए रखने के कारण भैरव बाबा को वहां का कोतवाल भी कहा जाता है।


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ये परंपरा सालों से चली आ रही है, कोतवाली थाने के इस इंस्पेक्टर के ऑफिस में दो कुर्सियां लगाई गई हैं। जिसमे जो मेन चेयर है उसपर बाबा काल भैरव विराजमान होते हैं और इस थाने का इंस्पेक्टर बगल की कुर्सी पर बैठता है। यही नहीं राजेश सिंह ने कहा की इस थाना क्षेत्र में अपराध से लेकर सामाजिक कार्यों और फरियादियों की फरियाद का निस्तारण बाबा करते हैं।

इसीलिए इन्हें विश्वनाथ की नगरी का कोतवाल भी कहा जाता है। जिस भी आईएएस और आईपीएस की तैनाती शहर में होती है या इस थाने में जिस भी पुलिस वाले की तैनाती होती है वो बाबा काल भैरव की पूजा करने के बाद ही अपना कामकाज शुरू करता है।

माना जाता है कि अंग्रेजों के समय से ही ये परंपरा चली आ रही है।साल 1715 में बाजीराव पेशवा ने काल भैरव मंदिर का बनवाया था। वास्तुशास्त्र के मुताबिक बना ये मंदिर आज तक वैसा ही है। बाबा काल भैरव मंदिर के महंत-पंडित नवीन गिरी ने बताया, यहां हमेशा से एक खास परंपरा रही है।

यहां आने वाला हर बड़ा प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी सबसे पहले बाबा के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेता है। काल भैरव मंदिर में रोजाना 4 बार आरती होती है। रात की शयन आरती सबसे प्रमुख है। आरती से पहले बाबा को स्नान कराकर उनका श्रृंगार किया जाता है।

Priyanka Rai

काशी के कोतवाल (Kashi Ke Kotwal)  बाबा काल भैरव

This post has been taken with gratitude from the wall of Banarasi Bhaukal . Kindly visit them.

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