किसी विशेष मनोकामना के पूरी होने की इच्छा से किए जाने वाले पूजन में संकल्प की जरूरत होती है। निष्काम भक्ति बिना संकल्प के भी की जा सकती है। परन्तु विधि-विधान के साथ अनुष्ठान, विशेष पूजा, कर्म कांड, श्राद्ध , यज्ञ, हवन आदि में संकल्प अति आवश्यक है। बिना संकल्प के ये विशिष्ट पूजाएं फलित नहीं होती। संकल्प विधि ( Sankalpa Vidhi) के अंतर्गत संकल्प के पूर्व पवित्रीकरण मन्त्र अवश्य पढ़ें और आचमन अवश्य करें । शास्त्रों में संकल्प मंत्र संस्कृत में दिया गया है परन्तु पाठकों के सुविधा के लिए यहाँ हमने संस्कृत के साथ साथ हिंदी और अंग्रेजी में भी संकल्प मंत्र दिया है।
पवित्रीकरण क्रिया विधि
पवित्रीकरण से अर्थ अपने आप को अंदर और बाहर से शुद्ध करना होता है। यहाँ तक कि आप तुरंत स्नान करके भी आ रहे हों तो पवित्रीकरण मन्त्र बोलना आवश्यक है। भगवान विष्णु का ध्यान अंतस और बाहर दोनों को पवित्र करने वाला है।भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए दाहिने हाथ में थोड़ा जल लेकर उसे बाएं हाथ से ढक लें और निम्न मंत्र पढ़ते हुए जल अपने ऊपर छिड़क कर अपने आप को पवित्र कर लें।
शरीर पवित्र करने का पवित्रीकरण मंत्र (शुद्धिकरण संस्कृत मंत्र)
ॐ पवित्रः अपवित्रो वा सर्वावस्थांगतोऽपिवा। यः स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स वाह्यभ्यन्तर शुचिः॥
पवित्रीकरण मंत्र का अर्थ
ॐ व्यक्ति अपवित्र या पवित्र जैसा भी हो या किसी भी अवस्था से गुजरा हो, परन्तु यदि वह कमल के सदिश नेत्रों वाले भगवान (भगवान विष्णु ) का ध्यान करता है तो वह बाहर और अंदर से हर प्रकार से पवित्र हो जाता है।
आचमन क्रिया
आचमन में जप करने के लिए जल के द्वारा जिह्वा , मुख , ग्रीवा आदि अंगों को शुद्ध करते हैं। पवित्रीकरण करके शुद्ध होने के पश्चात आचमन क्रिया करें । इसमें जल कि तीन छोटी-छोटी घूँट भरकर भगवान की त्रिशक्ति का आह्वान करते हैं। जप वाचन आदि में इससे जिह्वा, कंठ , अंतर्मन में विशेष तेजस व शुद्धता प्राप्त होती है।
आचमन विधि-पूजा में आचमन कैसे करते हैं? Achaman Vidhi
हाथ में आचमनी से थोड़ा जल लें और भगवान का ध्यान करते हुए एक -एक कर निम्न लिखित तीन मन्त्रों का उच्चारण कर जल के घूँट पिए और ॐ हृषिकेशाय नमः कहकर हाथों को धो लें।
आचमन मंत्र इन संस्कृत – Achaman Mantra in Sanskrit
- ॐ केशवाय नमः ! ( आचमनी से हाथ में थोड़ा जल रखकर पी लें।)
- ॐ नारायणाय नमः ! (आचमनी से हाथ में थोड़ा जल रखकर पी लें।)
- ॐ माधवाय नमः ! (आचमनी से हाथ में थोड़ा जल रखकर पी लें।)
- ॐ हृषिकेशाय नमः ! (अपना हाथ जल से धो लें )
संकल्प विधि – Sankalp Vidhi
पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प ले। संकल्प के लिए पहले हाथों में थोड़ा अक्षत (बिना टूटे कच्चे चावल), फूल, एक सिक्का , थोड़ा जल रख लें और निम्न लिखित मन्त्र बोलें।संकल्प मन्त्र बोलने के लिए पहले हाथ में जहाँ-जहाँ पर खाली स्थान है उसे अपने स्थान समय आदि के अनुसार भर लें और फिर मन्त्र पढ़ें। सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।
संकल्प मंत्र संस्कृत में – Sankalp Mantra in Sanskrit
संक्षिप्त संस्कृत संकल्प मंत्र लिखित में निम्न है :
ॐ विष्णवे नमः ॐ विष्णवे नमः ॐ विष्णवे नमः अद्य श्री ब्रह्मणोऽह्नि द्वितीय परार्धे श्री श्वेत वाराह कल्पै वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे युगे कलियुगे कलि प्रथमचरणे भूर्लोके जम्बूद्वीपे भारत वर्षे भरत खंडे आर्यावर्तान्तर्गतैकदेशे_________ , _________ नगरे _______ , _______ ग्रामे वा बौद्धावतारे ________ नाम संवत्सरे,_________ मासे _______पक्षे _______तिथौ _______वासरे,_______ गौत्रः,________ शर्मा(ब्राह्मण), वर्मा(क्षत्रिय), गुप्ता (वैश्य), दासो(शूद्र) अहम् मम आत्मनः श्री भगवदप्रीत्यर्थम् यथालब्धोपचारैस्तदीयं पूजनं एवं व्रतम करिष्ये।”
संकल्प मंत्र का अर्थ– संकल्प मंत्र हिंदी में
ॐ भगवान विष्णु को प्रणाम है, प्रणाम है, प्रणाम है! यह ब्रह्माजी के द्वितीय परार्ध का श्री श्वेतवाराह कल्प चल रहा है, जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर, २८वें युग में कलियुग के प्रथम चरण में, भूलोक में जम्बूद्वीप में भारतवर्ष के भरतखंड में, आर्यावर्त में भारत नाम के देश के _________ राज्य में,_______नगर में,______ नाम के उपक्षेत्र(शहर में आपका एरिया का नाम या तहसील का नाम) में, _______गाँव में (यहाँ अपने मोहल्ले या सोसाइटी का नाम भी दे सकते हैं), बौद्धावतार के _______संवत्सर में, ________मास में, ________(शुक्ल/ कृष्ण) पक्ष में,_______तिथि को ________ दिन को, ______ (प्रातः, दोपहर, संध्या काल) काल में, मैं _________ शर्मा(ब्राह्मण), वर्मा(क्षत्रिय), गुप्ता (वैश्य), दासो(शूद्र) भगवान की प्रसन्नता के लिए जिस प्रकार की भी सामग्री उपलब्ध हो सकी है उससे पूजा एवं व्रत करूँगा।
संकल्प का उदाहरण
ॐ भगवान विष्णु को प्रणाम है, प्रणाम है, प्रणाम है! यह ब्रह्माजी के द्वितीय परार्ध का श्री श्वेतवाराह कल्प चल रहा है, जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर, २८वें युग में कलियुग के प्रथम चरण में, भूलोक में जम्बूद्वीप में भारतवर्ष के भरतखंड में, आर्यावर्त में भारत नाम के देश के उत्तर प्रदेश राज्य में, वाराणसी नगर में, गोदौलिया नाम के उपक्षेत्र में, दशाश्वमेध घाट में, बौद्धावतार के प्रमादी नामक संवत्सर में, चैत्र मास में, शुक्ल पक्ष में, एकादशी तिथि को बुधवार दिन को, प्रातःकाल में, मैं प्रशांत शर्मा, भगवान की प्रसन्नता के लिए जिस प्रकार की भी सामग्री उपलब्ध हो सकी है उससे पूजा करूँगा।
टिप्पणी: ऊपर दिए गए उदाहरण में स्थान,वर्ष, दिन, समय , नाम आदि अपने अनुसार परिवर्तित कर के ही अपना संकल्प करें।
संकल्प मन्त्र के बारे में यह भी पढ़ें: एकादशी संकल्प मंत्र|Ekadashi Vrat Sankalp Mantra संकल्प मंत्र - हिंदी, English, संस्कृत में | Sankalp Mantra
How to do Sankalpa in English?
Sankalpa (saṃkalpa) is MUST for any major pooja or any major religious ritual activity. It is said that with out sanklapa any ritual will not give its merit. A ‘saṃkalpa’ is done in three steps
- Pavitrikaran
- Achaman (taking three small sips of water with Mantras ) and then by
- Stating the Sankalp Mantra while holding water in hands.
Pavitrikaran Mantra
Om Apavitro Pavitro va! Sarvaavastham gato api va।
Yah smaret pundareekaaksham sah bhaya abhyantaram Shuchih।।
Meaning: A person may be impure or holy or has gone through any stage, but if he meditates on the lotus eyed one(Lord Vishnu), then he is deemed purified internally and externally.
Achaman Mantra
In Achaman, three small sips of water has to be taken , poured by small ‘achamani’ in hand. Achaman Mantras are given below:
- Om Keshvay Namah! (Take a small of water taken in hand)
- Om Narayanay Namah! (Take a small of water taken in hand)
- Om Madhavay Namah! (Take a small of water taken in hand)
- Om Hrishikeshay Namah! (Wash your hand with water) .
Now do the ‘saṃkalpa’. State your location, date, time, name, lineage and purpose of your pooja ritual in the form of a mantra given below.
Sankalpa Vidhi
Take the ‘saṃkalpa’ before starting the worship. For Sankalp, first keep some Akshat (unbroken raw rice), flower, a coin, some water in the hands and recite the following Sankalp mantra. Fill in the blanks for your location,time etc and then read the mantra. After this leave the water held hands to the ground.
Sankalpa Mantra in English
Om Vishnave Namah!Om Vishnave Namah!Om Vishnave Namah! Ady Brahmano Anhi , Dwitiya Parardhe, Shri Shvet Varah Kalpe, Vaivasvat Manvantare , Ashtavinshatitame, Kaliyuge, Kali Pratham charane, Bhurloke, Jamboodweepe(Name your continent here instead of Jamboodweepe used for Eurasia), _________(Name your country) varshe , __________________(Name your state) rajye , ____________(Name your city) Nagare ,________________(Name your locality) namna gram madhye ,_____ Pramadi (Year 2020 is Pramadi Samvatsar)naam samvatsare, _____________(Name the month) Maase), __________________________( Name the vexing/waning moon phase as applicable) Pakshe, ___________(Use current date) Tithyau, ________(Give name of day of week) vasare, ________(State your gotra if you do not know use Kashyap gotra) gotram ,_____________(State your name), ______________________ Sharma(use Sharma for Brahman, Verma- Warrior class, Gupta for merchant class and Das for any other working class) Aham Shri Bhagavat Preetyartham ________(State the purpose of your pooja here) poojam karishye!
Saṃkalpa Example in English
Om Vishnave Namah!Om Vishnave Namah!Om Vishnave Namah! Ady Brahmano Anhi , Dwitiy Parardhe, Shri Shvet Varah Kalpe, Vaivasvat Manvantare , Ashtavinshatitame, Kaliyuge, Kali Pratham charane, Bhurloke, Jamboodweepe, Bharat varshe, Bharat khande, Uttar Pradesh Namna rajye, Varanasi Nagare, Assi namna gram madhye, Pramadi naam samvatsare, Shravan Maase,Krishn Pakshe, Ashtami Tithyau,Somvasare, Shandily gotram ,Prashant Sharma aham shri Bhagavat Preetyartham poojam karishye!
संकल्प मन्त्र पर बहुविध प्रश्न – FAQs on Sankalp Mantra
Q1. आचमन क्या है और क्यों किया जाता है? Aachman Kaise Karte Hain
A. आचमन में जप करने के लिए जल के द्वारा जिह्वा , मुख , ग्रीवा आदि अंगों को शुद्ध करते हैं । इसमें जल कि तीन छोटी-छोटी घूँट भरकर भगवान की त्रिशक्ति का आह्वान करते हैं। जप वाचन आदि में इससे जिह्वा, कंठ , अंतर्मन में विशेष तेजस व शुद्धता प्राप्त होती है।
Q2. पूजा से पहले संकल्प कैसे लें?
A. पूजा से पहले संकल्प लेने से भी पहले पवित्रीकरण करें फिर आचमन करें और हाथ में अक्षत और जल लेकर संकल्प मन्त्र पढ़ें जो ऊपर दिया गया है।
Q3. संकल्प मंत्र कैसे बोला जाता है?
A. संकल्प के लिए पहले हाथों में थोड़ा अक्षत (बिना टूटे कच्चे चावल), फूल, एक सिक्का , थोड़ा जल रख लें और संकल्प मन्त्र (ऊपर पोस्ट में दिया गया है) बोलें।
Q4. संकल्प लेते समय क्या बोलना चाहिए ? Sankalp kaise lete hain
A. सकंल्प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें। फिर हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।
Q4. संकल्प मंत्र क्या है?
A. किसी पूजा या साधना जब किसी मनोकामना से किया जाता है तो उनके देवी देवता को अपनी इच्छा संकल्प मंत्र के द्वारा बताते हैं की मैं कैसे पूजा साधना करूँगा और मेरी क्या इच्छा है।
Q5. संकल्प क्यों किया जाता है?
A. विधि-विधान के साथ अनुष्ठान, विशेष पूजा, कर्म कांड, श्राद्ध , यज्ञ, हवन आदि में संकल्प अति आवश्यक है। बिना संकल्प के ये विशिष्ट पूजाएं फलित नहीं होती।
Q6. पवित्रीकरण कैसे करें?
A. पवित्रीकरण करने के लिए दाएं हाथ में शुद्ध जल लेकर बाएं हाथ से ढक लें। फिर शुद्धिकरण मन्त्र पढ़ें , फिर जल को अपने सर पर और शरीर के अंगों पर छिड़क लें।
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