श्री तुलसी चालीसा
लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम॥
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लाही अभिमत फल जगत मह लाही पूर्ण सब काम।
जेई दल अर्पही तुलसी तंह सहस बसही हरीराम॥
श्री सूर्य चालीसा-1 ॥ दोहा ॥ कनक बदन कुण्डल मकर, मुक्ता माला अङ्ग,पद्मासन स्थित ध्याइए, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥ चौपाई ॥ जय सविता जय जयति दिवाकर!। सहस्त्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥भानु! पतंग! मरीची! भास्कर!। सविता हंस! सुनूर …
श्री सूर्य चालीसा-1 Read Moreश्री संतोषी माँ चालीसा-1 ॥दोहा॥ बन्दौं सन्तोषी चरण रिद्धि-सिद्धि दातार।ध्यान धरत ही होत नर दुःख सागर से पार॥ भक्तन को सन्तोष दे सन्तोषी तव नाम।कृपा करहु जगदम्ब अब आया तेरे धाम॥ ॥चौपाई॥ जय सन्तोषी मात अनूपम। …
श्री संतोषी माँ चालीसा-1 Read Moreभगवान श्री हनुमान जी की आरती-2 आरती मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता मंगल मूरति जय जय हनुमन्ता।मंगल-मंगल देव अनन्ता॥ हाथ वज्र और ध्वजा विराजे,कांधे मूंज जनेऊ साजे।शंकर सुवन केसरी नन्दन,तेज प्रताप महा जग वन्दन॥मंगल मूरति जय …
श्री हनुमान जी की आरती-2 Read Moreश्री झूलेलाल चालीसा ॥दोहा॥ जय जय जल देवता, जय ज्योति स्वरूप।अमर उडेरो लाल जय, झुलेलाल अनूप॥ ॥चौपाई॥ रतनलाल रतनाणी नंदन। जयति देवकी सुत जग वंदन॥दरियाशाह वरुण अवतारी। जय जय लाल साईं सुखकारी॥ जय जय होय धर्म …
श्री झूलेलाल चालीसा Read More