Join Adsterra Banner By Dibhu

वीर विनायक दामोदर सावरकर

0
(0)

तीस वर्ष का पति जेल की सलाखों के भीतर खड़ा है – काला पानी की सजा पर जाने को तैयार, बाहर उसकी वह युवा पत्नी खड़ी है। हाल ही में उनके बच्चे की मृत्यु हुई है….. इस बात की पूरी संभावना है कि अब शायद इस जन्म में इन पति-पत्नी की भेंट न हो।

ऐसे कठिन समय पर इन दोनों ने क्या बातचीत की होगी. कल्पना मात्र से आप सिहर उठे ना??

जी हाँ!!! मैं बात कर रही हूँ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे चमकते सितारे, हिन्दुत्व के नायक, विनायक दामोदर सावरकर की. यह परिस्थिति उनके जीवन में आई थी, जब अंग्रेजों ने उन्हें कालापानी (Andaman Cellular Jail) की कठोरतम सजा के लिए अंडमान जेल भेजने का निर्णय लिया और उनकी पत्नी उनसे मिलने जेल में आईं।

मजबूत ह्रदय वाले वीर सावरकर (Vinayak Damodar Savarkar) ने अपनी पत्नी से एक ही बात कही… – “तिनके-तीलियाँ बीनना और बटोरना तथा उससे एक घर बनाकर उसमें बाल-बच्चों का पालन-पोषण करना… यदि इसी को परिवार और कर्तव्य कहते हैं तो ऐसा संसार तो कौए और चिड़िया भी बसाते हैं. अपने घर-परिवार-बच्चों के लिए तो सभी काम करते हैं। मैंने अपने देश को अपना परिवार माना है, इसका गर्व कीजिए. इस दुनिया में कुछ भी बोए बिना कुछ उगता नहीं है. धरती से ज्वार की फसल उगानी हो तो उसके कुछ दानों को जमीन में गड़ना ही होता है. वह बीज जमीन में, खेत में जाकर मिलते हैं तभी अगली ज्वार की फसल आती है. यदि हिन्दुस्तान में अच्छे घर निर्माण करना है तो हमें अपना घर कुर्बान करना चाहिए. कोई न कोई मकान ध्वस्त होकर मिट्टी में न मिलेगा, तब तक नए मकान का नवनिर्माण कैसे होगा…”. कल्पना करो कि हमने अपने ही हाथों अपने घर के चूल्हे फोड़ दिए हैं, अपने घर में आग लगा दी है. परन्तु आज का यही धुआँ कल भारत के प्रत्येक घर से स्वर्ण का धुआँ बनकर निकलेगा. यमुनाबाई, बुरा न मानें, मैंने तुम्हें एक ही जन्म में इतना कष्ट दिया है कि “यही पति मुझे जन्म-जन्मांतर तक मिले” ऐसा भी न कह सकोगी…” यदि अगला जन्म मिला, तो हमारी भेंट होगी… अन्यथा यहीं से विदा लेता हूँ….

(उन दिनों यही माना जाता था, कि जिसे कालापानी की भयंकर सजा मिली वह वहाँ से जीवित वापस नहीं आएगा)

अब सोचिये, इस भीषण परिस्थिति में मात्र 25-26 वर्ष की उस युवा स्त्री ने अपने पति यानी वीर सावरकर से क्या कहा होगा?? यमुनाबाई (अर्थात भाऊराव चिपलूनकर की पुत्री) धीरे से नीचे बैठीं, और जाली में से अपने हाथ अंदर करके उन्होंने सावरकर के पैरों को स्पर्श किया. उन चरणों की धूल अपने मस्तक पर लगाई.

सावरकर भी चौंक गए, अंदर से हिल गए… उन्होंने पूछा…. ये क्या करती हो??

अमर क्रांतिकारी की पत्नी ने कहा… “मैं यह चरण अपनी आँखों में बसा लेना चाहती हूँ, ताकि अगले जन्म में कहीं मुझसे चूक न हो जाए. अपने परिवार का पोषण और चिंता करने वाले मैंने बहुत देखे हैं, लेकिन समूचे भारतवर्ष को अपना परिवार मानने वाला व्यक्ति मेरा पति है… इसमें बुरा मानने वाली बात ही क्या है. यदि आप सत्यवान हैं, तो मैं सावित्री हूँ. मेरी तपस्या में इतना बल है, कि मैं यमराज से आपको वापस छीन लाऊँगी. आप चिंता न करें… अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें… हम इसी स्थान पर आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं…”

इतना साहस, देश के लिए इतना समर्पण, अपनी संस्कृति पर इतना विश्वास!!!

हमें भी इस प्रसंग से प्रेरणा लेनी चाहिए. विचार करें – क्या कैरियर, देहाकर्षण वाला प्रेम, दिखावा, धन और परिवार ही सब कुछ है? क्या हर जीवन इनके बाहर कुछ गौरवमय करने में उपयोग में आ रहा है?

आइये, अपनी संस्कृति, अपने राष्ट्र को समय दें।

भारत मां के लाल हिंदुत्व के पुरोधा को शत शत नमन !

भारत माता की जय!

Original Post by: मिथिलेश माधव

श्री वीर सावरकर जी से सम्बंधित लेख सारणी:

  1. वीर सावरकर कौन थे?
  2. वीर विनायक दामोदर सावरकर
  3. वीर सावरकर जी का संक्षिप्त जीवन परिचय

अन्य स्वंत्रता संग्राम सेनानियों से सम्बंधित लेख :

  1. अमर क्रांतिकारी पंडित श्री राम प्रसाद बिस्मिल
  2. काकोरी कांड के नायक : पंडित रामप्रसाद बिस्मिल
  3. Udham Singh- Revolutionary who avenged Jallianwala: जलियांवाला के प्रतिशोधी ऊधमसिंह
  4. चंद्रशेखर आजाद: शत्रु भी जिसके शौर्य की प्रशंसा करते थे
  5. श्री चंद्र शेखर आज़ाद – एक अद्भुत जिंदादिल व्यक्तित्व
  6. Warrant Poster of Chandra Shekhar Azad
Facebook Comments Box

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

We are sorry that this post was not useful for you!

Let us improve this post!

Tell us how we can improve this post?

Dibhu.com is committed for quality content on Hinduism and Divya Bhumi Bharat. If you like our efforts please continue visiting and supporting us more often.😀
Tip us if you find our content helpful,


Companies, individuals, and direct publishers can place their ads here at reasonable rates for months, quarters, or years.contact-bizpalventures@gmail.com


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

धर्मो रक्षति रक्षितः